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आचार्य श्रीराम शर्मा >> जगाओ अपनी अखण्डशक्ति

जगाओ अपनी अखण्डशक्ति

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15495
आईएसबीएन :00000

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जगाओ अपनी अखण्डशक्ति

Jagao Apni Akhand Shakti - a Hindi book by Sriram Sharma Acharya


प्रिय मित्रों ! इस लेख में वेद, गीता, रामायण एवं स्वामी विवेकानन्द जी के उपदेश आदि को आपके समक्ष रखा गया है। यह हमारे धर्म की आदि काल से सुरक्षित वह धार्मिक सम्पदा है जिसके सदुपयोग से हम अपना तथा सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर सकते हैं उन्हें जड़ता, पशुता एवं भौतिकता के अंधे कुएँ से निकाल कर आत्मा के अनन्त, अखण्ड एवं चिन्मय स्वरूप में स्थित कर उन्हें देवत्व प्रदान कर सकते हैं।

मित्रों ! ये वेद की ऋचायें, गीता के श्लोक एवं रामचरित मानस की चौपाइयाँ एवं दोहे एवं स्वामी जी के उपदेश ये सभी अपने आप में एक एक मंत्र के समान हैं, इनका यदि नित्य पाठ, मनन, चिन्तन एवं अभ्यास किया जाये तो व्यक्ति साधारण से दिव्य एवं ईश्वरीय भाव में स्थित होकर सर्व समर्थ एवं सिद्धावरथा को प्राप्त कर सकता है। और यदि इनकी अर्थ सहित धारणा की जाये तो कहना ही क्या?

अतः मेरी विनम्र प्रार्थना है कि आप इन मंत्रों से अपना जीवन दिव्य बनायें। ईश्वर आप पर प्रसन्न हो।

ॐ हरिः... ॐ

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इस दुर्लभ मानव-जन्म को पाकर भी जो इसी जीवन में भगवान को पाने की चेष्टा नहीं करता उसका जन्म व्यर्थ है। 

- श्री रामकृष्ण


सावधान! अपनी माता की सेवा करने के बहाने अपने आप को दुनियादारी में न फंसा लेना।

- श्री माँ सारदा देवी


मैंने इतनी तपस्या करके यही सार समझा कि जीव-जीव में ये अधिष्ठित है, इसके अतिरिक्त ईश्वर और कुछ भी नहीं। जो जीवों पर दया करता है, वही व्यक्ति ईश्वर की सेवा कर रहा है।

- स्वामी विवेकानन्द

 

जगाओ अपनी अखण्ड शक्ति

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